फैशन डिजाइनिंग कोर्स क्या है ? Fashion Designing Course कैसे करें | How to Become a Fashion Designer

1.फैशन डिजाइनिंग क्या है ? (How to Become a fashion designer ) 

आज के परिवेश में फैशन के विपरीत चीजों को कोई भी अपनाना  नहीं चाहता।फैशन अपनी रोजाना बढ़ती लोकप्रियता के कारण लाखों करोड़ों डॉलर का एक भरा पूरा उद्योग बन चुका है।इस उद्योग की जड़े आज संपूर्ण विश्व में फैल चुकी है, किसी भी व्यक्ति हेतू कैरियर का चयन एक व्यक्तिगत निर्णय है और उसे अपने चुनाव पर खूब सोच विचार कर लेना चाहिए। नि:संदेह नौकरी में संतुष्टि की वजह नौकरी नहीं है बल्कि हमारे द्वारा लिया गया जल्दबाजी पूर्ण निर्णय है। फैशन की दुनिया एक ऐसा क्षेत्र है जहां आप के लिए एक क्षेत्र में रहते हुए भी अनेक विकल्प मौजूद है इस क्षेत्र में कामयाब होने वाले हस्ताक्षरओं के लिए अपार शोहरत, अकूत धन-दौलत वह दुनिया भर में घूमने - फिरने के मौके बिखरे पड़े हैं।

उपभोक्तावादी संस्कृति के चहुंमुखी विस्तार, फिल्मों की शोहरत का जादू, फैशन की दुनिया में नए नए प्रयोग तथा सौंदर्य प्रतियोगिताओं की लोकप्रियता में इजाफा, इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुए हैं। आर्थिक उदारीकरण के दौर में बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी फैशन उद्योग के विकास के लिए गंभीर है। विदेशी फैशन का एक बड़ा तबका फैशन डिजाइनिंग को अपने बेहतर कैरियर वह स्वर्णिम भविष्य के रूप में चुन रहा है। समाज में करवट लेती मान्यताएं, रूचियों में हर रोज हो रहे बदलाव, बाजार में अंगड़ाई लेती संभावनाओं ने युवा वर्ग के लिए विकल्पों का अंबार लगा दिया है।

2. फैशन डिजाइनिंग के कुछ महान विशेषज्ञ :
फैशन डिजाइनिंग एक ऐसा ही क्षेत्र है जहां कैरियर के लिए अपार गुंजाइश हाजिर है। आज अनेक युवक-  युक्तियां फैशन डिजाइनिंग में अपना कैरियर बनाने को इच्छुक है। पर्याप्त धन तथा ग्लैमर की चकाचौंध ने इस क्षेत्र के आकर्षण में और भी वृद्धि कर दी है। वास्तव में फैशन डिजाइनिंग आज के युग  की मांग है।आज भारत में एक से एक बढ़िया डिजाइन के वस्त्र तैयार हो रहे हैं। विदेशी बाजार में भी भारतीय परिधानों की मांग बढ़ी है। उच्च क्वालिटी की पोशाके भारी मात्रा में निर्यात की जाने लगी है। भारत सुंदरी रह चुकी मेहर केस्टेलिनो, रीना ढाका, रितु बेरी, वेणिडल रोड्रिकस, रितु कुमार, रोहित बल, बीना रमानी, हेमंत त्रिवेदी आदि चर्चित फैशन डिजाइनरों ने भारतीय प्रतिभा व यहां के  डिजाइनरों की  खूबियों से समूची दुनिया को रूबरू कराया है। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फैशन डिजाइनरों की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है।

फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में  आज जितने कुशल, अनुभवी व सक्षम लोगों की मांग है, उतने उपलब्ध नहीं है। परिणाम स्वरूप निजी क्षेत्र के संस्थान भी व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए नए - नए विकल्पों तथा साधनों को अमल में ला रहे हैं। दिल्ली व देश के समस्त बड़े महानगरों में 'निफट' “नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फैशन टेक्नोलॉजी” की तर्ज पर प्रशिक्षण दिया जाने लगा है।

3.फैशन डिजाइनिंग पर विशेषज्ञों का दावा :
 
फैशन की दुनिया के विशेषज्ञों का दावा है कि युवतियों के लिए इस कैरियर का कोई सानी नहीं है। 10+2 अथवा इंटरमीडिएट के बाद कोई भी युवती फैशन से संबंधित कोई सा भी तकनीकी पाठ्यक्रम कर ले तो उसके बेरोजगार रहने की नौबत आ ही नहीं सकती।
फैशन के क्षेत्र में युवतियों के लिए करने को बहुत कुछ है। कला के प्रति रुचि रखने वाली किशोरियों के लिए तो यह क्षेत्र मानो एक वरदान है। अपनी अभिरुचि, शौक व स्वभाव के अनुसार वह किसी भी क्षेत्र में प्रशिक्षित होकर अपने कैरियर में शानदार ऊंचाइयों को स्पर्श कर सकती है।

4.फैशन डिजाइनिंग के विकल्पये कोर्स : 

फैशन डिजाइनिंग के प्रमुख संकायों  में फैशन डिजाइनर एपेरल मर्चेंनडाइजिंग को-ऑर्डिनेटर, रिटेलर, सेल, प्रमोशन, फैशन, फोटोग्राफी, टैक्सटाइल डिजाइनर, एसेसरी डिजाइनर, गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजीस्ट, नीटवियर डिजाइनर, फैशन पत्रकारिता, एपेरल मार्केटिंग एंड मर्चेंडाइजिंग, चमडा़ परिधान डिजाइन प्रौद्योगिक, वस्त्र डिजाइन इत्यादि है।

5.फैशन डिजाइनिंग के बाद जॉब / बिजनेस :

फैशन डिजाइनिंग में अपने कैरियर की संभावएं तलाशने वाले युवक-युवतियों को एक बात सुनिश्चित कर लेनी चाहिए कि यदि वे किसी भी सरकारी अथवा निजी क्षेत्र के अंतर्गत संस्थान से प्रशिक्षण लेते हैं। तो उन्हें खाली हाथ बैठने की नौबत नहीं आएगी। सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की वस्त्र कंपनियों, फैशन ब्रांडओं  और टेक्सटाइल मिलों फैशन संस्थानों में उनके रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। बहुचर्चित व अच्छे संस्थानों में तो केंपस इंटरव्यू का भी प्रचलन है अर्थात जब आप अपने प्रशिक्षण के अंतिम दौर में होते हैं तब अच्छी कंपनियां ऊंचे वेतनमान पर योग्य प्रशिक्षणार्थी को नियुक्त कर लेती है। यदि आप नौकरी करने के इच्छुक नहीं है तो कोई बात नहीं आप अपना खुद का कारोबार करके लाखों के वारे-  न्यारे कर सकने हेतु स्वतंत्र है।

फैशन डिजाइनिंग में प्रशिक्षण लेने के बाद आपको अपने मनपसंद क्षेत्र की महीन जानकारियां तथा उनमें महारत हासिल रहती है। आप अपने रेडीमेड गारमेंट के सैलून या बुटीक आदि खोल सकते हैं। उसी उम्र वर्ग के लिए डिजाइन तथा पोशाक बना सकते हैं तथा आप अपनी फैशन इकाई भी स्थापित कर सकते हैं अपना उद्योग स्थापित करने के लिए गंभीर हो तो राष्ट्रीयकृत बैंकों से आपको वित्तीय सहायता भी मिल सकती है। युवतियों के बाद पुरुषों के पहनावे में आए बदलाव तथा युवकों की भी सौंदर्य प्रतियोगिताओं के आयोजनों ने फैशन डिजाइनरों के लिए नए-नए विकल्प सुझाएं हैं। बहुत सी कंपनीयां नियमित फैशन शोज करने लगी है, जिन्हें योग्य व अनुभवी लोगों की हमेशा जरूरत रहती है।

6 फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में सरकार के द्वारा लिया गया कुछ कदम :

सन 1990 में केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में निफट की स्थापना की गई थी। यह देश का प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है। यहां से अनेक प्रतिभाशाली ड्रेस डिजाइनर निकले हैं। समूचे एशिया में चर्चित इस संस्थान में प्रशिक्षण के उच्च व्यवस्था है। यहां से आप मुख्य रूप से 5 तरह के तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण पा सकते हैं।

7. फैशन डिजाइनिंग के कोर्स तथा सिलेबस : ( Fashion Designing syllabus in hindi )

फैशन डिजाइनिंग कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना वांछनीय है।इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष है।
इस संस्थान में एपेरेल मर्चेंडाइजिंग एंड मार्केटिंग कोर्स भी किया जा सकता है। 2 वर्ष की अवधि वाले इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए किसी भी संकाय से  स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए। गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी कोर्स भी 2 साल में किया जा सकता है। प्रवेश के लिए किसी भी संकाय से स्नातक होना जरूरी है। 10+2 के बाद एसेसरी डिजाइनिंग कोर्स भी कर सकते हैं। या 2 वर्ष की अवधि का पाठ्यक्रम है इसी तरह टैक्सटाइल डिजाइनिंग कोर्स में भी इंटरमीडिएट पास अभ्यर्थी प्रवेश की पात्रता रखते हैं। इस पाठ्यक्रम की अवधि सभी कोर्स के लिए 2 वर्ष की है।
उपरोक्त पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु प्रतिवर्ष अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है इस परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी भाषा में रहता है और निफ्ट में नामांकन के लिए फॉर्म नवंबर में मिलते हैं जबकि प्रवेश परीक्षा जनवरी-फरवरी में होती है लिखित परीक्षा में स्केचिंग,कल्पनाशीलता, मौलिकता, रंगों के प्रति समाझ सामान्य ज्ञान तथा रिजनिंग संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं।

8. फैशन डिजाइनिंग का परीक्षा पैटर्न : ( Fashion Designing Exam Pattern )

लिखित परीक्षा का समय लगभग आधा घंटा होता है। इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थियों की रूचि तथा कैरियर के प्रति प्रतिबद्धता के साथ-साथ भावी योजनाओं की बाबत पड़ताल की जाती है। बाद में 30 छात्र-छात्राओं का चयन कर लिया जाता है। A. M पाठ्यक्रम क्रय- विक्रय, फैशन कोऑर्डिनेशन, विज्ञापन तथा जनसंपर्क पर आधारित कोर्स है। ट्रेनिंग के लिए शोरूम, एक्सपोर्ट हाउस तथा ट्रेड फेयर आदि में अवसर प्रदान किए जाते हैं।

9. फैशन डिजाइनिंग कोर्स के लिए चयनित छात्रों का प्रक्रिया : ( Fashion Designing Course )

G.M.T पाठ्यक्रम मैं प्रोडक्शन मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रदान की जाती है। A.M.S तथा G.M.T मैं लिखित परीक्षा में नेगेटिव मार्केटिंग का प्रावधान है। इसमें दसवीं कक्षा के अस्तर के गणित पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। दोनों कोर्सों के लिए इंटरव्यू में सौ - सौ प्रतियोगियों को कॉल किया जाता है अंततः 30 प्रतियोगियों को चयनित कर लिया जाता है!
 
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