अंबानी की तरह गौतम अडानी को विरासत में नहीं मिला व्यवसायिक साम्राज्य,जानिए कैसे बने बिजनेस टायकून

Gautam Adani Biography in Hindi


अंबानी की तरह गौतम अडानी को विरासत में नहीं मिला व्यवसायिक साम्राज्य,जानिए कैसे बने बिजनेस टायकून

 जब भी भारत के अमीर लोगों की बात होती है तो,मुकेश अंबानी के अलावा जिस शख्स का नाम सामने आता है वह अडानी ग्रुप के फाउंडर गौतम अडानी का, गौतम अडानी ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अपनी किस्मत को कोसने की बजाय अपनी मेहनत से सफलता का बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है।
भारत के कई उद्योगपतियों की तरह गौतम अडानी को व्यवसायिक साम्राज्य विरासत में नहीं मिला है,गौतम अडानी ने अपनी मेहनत से आज इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित किया है,बहुत कम लोग जानते होंगे कि आज देश के दूसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी किसी दिन एक डायमंड कंपनी में मामूली पगार में काम करते थे,लेकिन आज गौतम अडानी का कारोबार  पूरी दुनिया में फैला हुआ है,तो चलिए आज हम बात करते हैं गौतम अडानी के अब तक के सफर के बारे में।

साथ ही हम जानेंगे गौतम अडानी की पूरी बायोग्राफी, गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962  को अहमदाबाद के गुजराती जैन परिवार में हुआ था,गौतम अडानी के पिता का नाम शांतिलाल अडानी है और  गौतम अडानी की माता का नाम शांताबेन अडानी है,शांतिलाल और शांताबेन की कुल आठ संतान थी, वह अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए गुजरात के थारद नामक एक छोटे से शहर से अहमदाबाद आकर बस गए थे।
गौतम अडानी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी,गौतम अडानी ने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के सेठ सीएन विद्यालय से पूरी की है, इसके बाद अडानी ने गुजरात विश्वविद्यालय में वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की हालांकि इस बीच परिवार की ख़राब आर्थिक स्थिति को देखते हुए गौतम अडानी ने पढ़ाई छोड़ दी,और जेब में केवल 100 रुपए लेकर सपनों की नगरी मुंबई पहुँच गए।

मुंबई पहुंचकर गौतम अडानी एक डॉयमंड कंपनी में काम करने लगे ऊन्होंने महिंद्रा ब्रदर्स की मुंबई शाखा में नौकरी करना शुरू की,हालांकि गौतम अडानी मेहनती और प्रतिभा शाली थे,यहीं कारण है कि उन्होंने बहुत ही जल्दी व्यापार के नियम और बाज़ार के बदलते ट्रेंड को समझने लगे।

व्यापार को अच्छी तरह से समझने के बाद गौतम अडानी ने नौकरी छोड़ दी और मुंबई में आभूषणों के सबसे बड़े झवेरी बाजार में अपना खुद का डायमंड ब्रोकरेज स्थापित किया,
साल 1981 में गौतम अडानी के बड़े भाई मनसुखभाई ने अहमदाबाद में प्लाटिक की एक यूनिट लगाईं और उन्होंने गौतम अडानी से कहा कि वह यह कंपनी संभाले,इसके बाद गौतम अडानी ने P.V.C यूनिट संभाली और धीरे-धीरे कारोबार को आगे बढ़ाया।
गौतम अडानी ने अपनी मेहनत और सुझबुझ से कंपनी का विस्तार किया,गौतम अडानी के लिए आर्थिक उदारीकरण वरदान साबित हुआ,अडानी ने साल 1988 में अडानी ग्रुप की स्थापना की शुरुआत के सालों में अडानी ग्रुप का फोकस कृषि से संबंधित वस्तुओं और पावर पर  रहा,लेकिन साल 1991 तक कंपनी का विस्तार हुआ, समय के साथ-साथ अडानी समूह पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन, कोल, ट्रेडिंग और खनन, गैस वितरण, तेल और गैस की खोज के साथ-साथ बंदरगाहों और विशेष आर्थिक क्षेत्रों में भी काम करने लगा।

इस तरह अडानी ग्रुप का विस्तार होता रहा और यह एक विशाल कंपनी बनकर उभरी,गौतम अडानी की पत्नी का नाम प्रीति अडानी है,पेशे से डेंटिस्ट रही, प्रीति अडानी वर्तमान में अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन है,प्रीति अडानी के नेतृत्व में अडानी फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, ग्रामीण विकास जैसी काम कई संगठनों के साथ मिलकर कर रहा है।
गौतम अडानी के दो पुत्र करण और जीत है,गौतम अडानी वर्तमान समय में एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी है. BALUMBGR  BIILINEAR इंडेक्स के अनुसार वर्तमान में गौतम अडानी की संपत्ति 505900 करोड़ रुपए या 7,080 करोड़ डॉलर है।
 
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