गाली देने का प्रभाव | Don't Abuse |Motivational Speech | Gautam Buddha Story in Hindi

Don't Abuse anyone


दोस्तों आज के इस पोस्ट में महात्मा बुद्ध के एक फेमस कहानी सुनाने जा रहा हूं इसलिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़िए गा....

महात्मा बुध एक बार एक गांव से गुजरे ,वहां के कुछ लोग उनसे शत्रुता रखते थे, उन्होंने महात्मा बुद्ध को रास्ते में घेर लिया और बेतहाशा गालियां देकर अपमानित करने लगे।
 
बुध सुनते रहे जब वे सारे थक गए तो बुद्ध बोले अगर आप लोगों की बात पूरी हो गई हो तो मैं जाऊं फिर वे लोग बड़े हैरान हुए उन्होंने कहा हमने तुम्हें इतनी गालियां दी क्या तुम्हें हम पे क्रोध नहीं आया, भगवान बुध बोले तुमने देर कर दी अगर तुम 10 साल पहले आए होते और मुझे गालियां देते तो मैं भी तुम्हें बदले में गालियां देता और अगर बात आगे बढ़ जाती तो तुम से लड़ भी जाता।


अब बेशक तुम मुझे कितनी भी गालियां दो लेकिन मैं अब गालियां लेने  में असमर्थ हूं, सिर्फ देने से नहीं होता लेने वाला भी होना चाहिए,जब आज सुबह में एक गांव से निकला तो वहां के लोग भेंट करने मिठाईयां लाये थे , लेकिन मैंने नहीं लिया  क्योंकि मेरा पेट भरा था और वे लोग उन मिठाइयों को वापस ले गये।

बुद्ध ने  थोड़ा रुक कर कहा अब जो लोग मिठाईयां वापस ले गए उन्होंने मिठाइयों का क्या किया होगा उनमें से एक व्यक्ति बोला अपने बच्चों परिवार और चाहने वालों में बाटी होगी बुध बोले, तुम जो  गालियां लाए थे।

 उन्हें मैंने नहीं लिया क्या तुम इन्हें भी अपने परिवार और चाहने वालों में बटोगे बुद्ध के सारे विरोधी शर्मिंदा हो गये और बुद्ध के शिष्य बन गए।

तो दोस्तों ऐसे थे हमारे महात्मा बुध जो दुश्मनों को भी दोस्त बना लिया करते थे।

दोस्तों यह कहानी आप सभी को कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए और अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा कीजिए।

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