हमेशा सही DECISION कैसे लें | A Short Story On Positive Thinking | Motivational Story @SeeKen

दोस्तों आज की कहानी है एक लालची राजा की। शायद आपलोग ये कहानी कई बार सुने भी होंगे लेकिन उसी कहानी को हमलोग आज एक बार फिर से सुनेगें और जानने की कोशिस करेंगे की आखिर इस कहानी में राजा को लालची कौयर को कियु कहा गया।


तो चलिए दोस्तों कहानी को शुरू करते है - आपको बता दू की एक राज्य में लालची राजा रहता था, उसके पास सोने की कमी नहीं थी, लेकिन जितना भी सोना बढ़ता ,उतना ही वह और चाहता , राजा ने सारे सोने को अपने खजाना में जमा कर लिया था और हर रोज उसे गिना करता था।


एक दिन राजा जब सोने को गिनती कर रहा था, तो एक अजनवी कहीं से आया और बोला की “तुम मुझसे ऐसा कोइ भी वरदान मांग सकते हो जो तुम्हे दुनिया में सबसे ज़ायदा खुशी दे।

राजा खुश हुआ और उसने कहा, मैं चाहता हु की हर वो चीज जिसे मैं छुऊ सोना बन जाये,अजनवी ने राजा से पूछा – क्या तुम सचमुच यही चाहते हो ?


राजा ने कहा , हा , तो अजनवी बोला , ठीक है जैसा तुम बोलो और अजनवी ने राजा से कहा कल सूरज की पहली किरण के साथ ही तुम्हे यह गोल्डन टच मिल जाएगा,
राजा ने उस रात ठीक से सोया भी नहीं उस गोल्डन टच के कारण सोचा की वह ये सब सपना में देख रहा है,यह सच कभी हो ही नहीं सकता।

लेकिन अगले ही दिन जब राजा का नींद खुला तो उठते ही उसने अपना पलंग ,कपरे छुए और सच में ये सब कुछ सोना बन गया ,उसने खिड़की के बाहर देखा तो उसने अपनी नन्ही सी बच्ची को खेलते पाया , तो राजा ने सोचा की ये अदभुत गोल्डन टच से मैं अपनी बिटिया को यह अजूबा दिखादू ताकि वह खुश होगी ,लेकिन बगीचे में जाने से पहले उसने एक किताब पढने की सोची उसने जैसे ही उसे छुआ , वह भी सोने की बन गई और वह किताब को पढ़ न सका।

फिर राजा ने सोचा की नास्ता कर लेते है जैसे ही नास्ता करने बैठा और जैसे ही उसने फ्लो और पानी के गिलाश को छुआ वे सोने के बन गए ।
राजा को कुछ समझ नहीं आ रहा था उसकी भूख बढ़ने लगी और वह खुद से बोला , मैं सोने को खा और पि तो नहीं सकता ।

ठीक उसी समय राजा की बेटी दोरती हुई वहाँ आई और राजा ने उसे वाहों में भर लिया और वह एक सोने की मूर्ति बन गई अब राजा के चेहरे से खुशी गायब हो गई ।

राजा तो सिर पकड़ कर रोने लगा की ये मेरे साथ किया हो गया ये मैं कैसा बरदान मांग लिया और वो मन ही मन सोचने लगा की वो अजनवी कब आयेंगे की मैं उस वरदान से छुटकारा पाऊ।

कुछ देर बाद वह बरदान देने वाला अजनवी फिर आया और उसने राजा से पूछा की क्या तुम अपने गोल्डन टच से खुश हो,राजा ने बताया की जब से मुझे ये गोल्डन टच मिला है मैं दुखी इंशान बन गया हुं।

और राजा ने अपने साथ हुई सारी घटना बताई  तब अजनवी ने पूछा  “ अब तुम क्या पसंद करोगे अपना भोजन और प्यारी बेटिया या सोने के ढेर और बिटिया की सोने की मूर्ति 


राजा ने गिर-गिरते हुए माफ़ी मांगी और कहा ,मैं अपना सारा सोना छोड़  दूंगा , मेहरबानी करके मेरी बेटी मुझे लोटा दो . क्युकी उसके बिना मेरी हर चीज मूल्यहीन हो गई है अजनवी ने राजा से कहा  तुम पहले से जायदा बुद्धिमान हो गये हो,

और फिर अजनवी ने राजा से वो गोल्डन टच के वरदान को वापिस ले लिया। राजा को अपनी बेटी फिर से मिल गई और राजा को एक ऐसी सिख मिली जिसे वह जिंदगी भर नहीं भूल सका।

इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है :- 

राजा को दु:खो से बचने का दूसरा मौका मिला , लेकिन आप और हम राजा नहीं है ,और ना ही हमे हर चीज के लिए दुबारा मौका मिलता है इस लिए कोइ भी डिसीजन सोच समझ कर  ले  दोस्तों कैसी लगी ये कहानी निचे कमेन्ट बॉक्स में जरुर बताये।
 
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